What is Motivation?
किसी व्यक्ति को किसी लक्ष्य या काम के प्रति प्रोत्साहित करने की प्रोसेस को मोटिवेशन कहा जाता है। मोटिवेशन एक व्यक्ति को उसके व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है। यदि कोई व्यक्ति किसी काम के प्रति प्रेरित है, तो उसे उस काम को करने में संतुष्टि होगी। मोटिवेशन व्यक्ति के आत्म-विकास,विश्वास और उसे आगे ले जाने में मदद करती है।
Role of Motivation
किसी भी काम के प्रति मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए मोटिवेशन का होना बहुत आवश्यक है, चाहे वह दैनिक कार्यों को जारी रखना हो या बाहरी कार्यों को करना हो । सामान्य तौर पर, ऐसा लगता है कि जो व्यक्ति आपने लक्ष्य के प्रति अधिक प्रेरित होते हैं वह व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों प्रकार के कार्यों में अधिक महत्वाकांक्षी और लक्ष्यों तक पहुंचने की प्रवृत्ति वाले होते हैं ।
मोटिवेशन से ही हर मानव विशेष और अद्वितीय बनता हैं। मोटिवेशन जो किसी भी मानव के भीतर से विकसित होती है। वह आंतरिक मोटिवेशन कहा जाता है और जो मोटिवेशन बहार से मिले या कह सकते है की जब व्यक्ति किसी अन्य के द्वारा प्रेरित होता है वह बाहरी मोटिवेशन कहा जाता है। और यह जीवन भर उस व्यक्ति को प्रभावित करता है। मोटिवेशन को मानव के, व्यक्तित्व विचारों, और बाहरी व्यवहारों का एक विशिष्ट पैटर्न माना जा सकता है।
Properties of Motivation
1- मोटिवेशन मानव को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया है।
2- मोटिवेशन मनुष्य की वह इच्छा, आवश्यकताएँ हैं, जो आंतरिक और बाहरी होती हैं।
3-मानव व्यवहार में मोटिवेशन जीवन भर आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार की होती है।
4- मोटिवेशन एक तरह से व्यवहार करने या कार्य को जारी रकने का एक तरीका है।
5- मोटिवेशन मूल आवेग को अनुकूलित करने के लिए निहित है जो लक्ष्य-उन्मुख व्यवहारों का मार्गदर्शन करती है।
6-मोटिवेशन से ही आपको कार्य करने का कारण मिल जाता है और आप सफलता या अपनी इच्छाओं की ओर चल पड़ते हैं।
7- मोटिवेशन व्यक्ति और स्थिति के बीच की एक अंतःक्रिया है।
8- मोटिवेशन सकारात्मक या नकारात्मक दोनों हो सकते हैं।
Factors of Motivation
प्रेरणा के मुख्य दो कारक होते है ।
- पहला कारक मौलिक जरूरतों को पूरा करना जैसे भोजन, सुरक्षा, कपड़े और मकान आदि जब मानव की पहली जरुरत पूरी हो जाती है तब वो दूसरी जरुरत को पूरी करने में लग जाता है
- दूसरा करक आता है आत्म-सम्मान , उपलब्धियों के अवसर, आत्म-विकास और आत्म-प्राप्ति आदि व्यवहार के प्रेरक है ।
Type of Motivation
मोटिवेशन कई प्रकार के होते है जैसे भावनात्मक, सामाजिक और जैविक आदि । यह मानव के व्यवहार को सक्रिय बनाते हैं। मोटिवेशन शब्द का प्रयोग रोजमर्रा के उपयोग में किया जाता है। मोटिवेशन को अक्सर बाहरी या आंतरिक दोनों रूप में वर्णित किया जाता है । जो निम्न लिखित हैं .
1. Extrinsic Motivation
बाहरी प्रेरणा वह प्रेरणा हैं जो व्यक्ति के बाहर से या किसी चीज को पाने की लालशा में उत्पन्न होती हैं जैसे- सामाजिक मान्यता, या प्रशंसा , पुरस्कार आदि के लिए शामिल होती हैं। बाहरी प्रेरणा में चुनौतियां बाहर की होती है जैसे हम कुछ पाने के लिए या सजा से बचने के लिए कोई बाहरी दबाब के कारण वह कार्य करते है , तो इसे बाहरी प्रेरणा के रूप में जाना जाता है।
2. Intrinsic Motivations
आंतरिक प्रेरणा वह प्रेरणा हैं जो व्यक्ति के भीतर (अंदर )से स्वयं उत्पन्न होती हैं, जैसे कि स्वयं को किसी काम के प्रति चुनौती देना। आंतरिक प्रेरणा चुनौतियों का पता लगाने और उन पर सफ़लता प्राप्त करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति है क्योंकि हम व्यक्तिगत रूप से अपनी क्षमताओं का पीछा करते हैं। जब हम आंतरिक रूप से प्रेरित होते हैं, तो हमें बाहरी प्रोत्साहन और दंड की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह प्रोत्साहन और दंड की गतिविधि स्वयं ही अंदर से पुरस्कृत होती है।
Uses of Motivation
प्रेरणा के लिए कई अलग-अलग उपयोग हैं। यह सभी मानव व्यवहार के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में कार्य करता है, और इसे प्रभावित करने वाले कारक भी कई मायनों में महत्वपूर्ण होते हैं। प्रेरणा का उपयोग हम कई चीजों में कर सकते है जो निम्न लिखित है ।
1-लोगों की लक्ष्य प्राप्ति में मदद करना।
2-जरूरतमंद लोगों को प्रोत्साहित करने में सहायता करना।
3-लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित करना।
4- व्यसन जैसे अस्वास्थ्यकर व्यवहार से बचने में लोगों की सहायता करना।
5-लोगों की भलाई और खुशी के लिए कुछ काम करना।
6-किसी का गलत व्यवहार बदलने में।
7-किसी काम में दक्षता विकसित करने में ।
8- कोई भी रचनात्मक कार्य करने में।
9- किसी लक्ष्य को निर्धारित करने में।
10-किसी काम के प्रति रुचि बढ़ाने में ।
11- किसी कार्य को करने की उचित योजना बनाने में।
12-किसी भी प्रकार की कोई प्रतिभा विकसित करने में आदि है।
Effect of Motivation
प्रेरणा मानव को क्रिया के प्रति उत्तेजित और सक्रिय करती है। जब मानव को किसी वस्तु की आवश्यकता होती है तो उसके अन्दर एक इच्छा उत्पन्न होती है, और उस इच्छा को पूर्ण करने के लिए उसके अंदर ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है, जो प्रेरक शक्ति को गतिशील बनाती है। किसी का भी कोई लक्ष्य हो तो उसे पूरा करने में समय और बाधा दोनों लग सकते है इसलिए कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ने के लिए धीरज की आवश्यकता होती है।
Component of Motivation
Motivation has three major components: activity, persistence, and intensity.
प्रेरणा के तीन प्रमुख घटक हैं: सक्रियता, दृढ़ता और तीव्रता
1. Activity
सक्रियता में व्यवहार शुरू करने का सक्रिय और मजबूत निर्णय शामिल होता है ।
2. Persistence
दृढ़ता -एक लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयासरत रहने की लिए अड़े रहना ही दृढ़ता है, भले ही कितनी ही बाधाएं मौजूद हों लेकिन वह अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहता है । , हालांकि इसके लिए समय, ऊर्जा और संसाधनों के महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है।
3. Intensity
तीव्रता-एक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए या उस लक्ष्य का पीछा करने में एकाग्रता और जोश में जो तेजी देखी जा सकती है उसे तीव्रता कहा जा सकता है।
Why is Motivation Important?
प्रेरणा क्यों महत्वपूर्ण है?
- प्रेरणा हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।
- जीवन की हर समस्याओं को हल करने में मदद करती है।
- हमें हमारे लक्ष्य के प्रति सक्रिय और सक्षम बनती है।
- जीवन की चुनौतियों और अवसरों से निपटने में हमारी सहायता करती है।
- सकारात्मक लोगों का साथ रखें क्यूंकि सकारात्मक लोग आपकी सकारात्मक आत्म-चर्चा को बढ़ाते हैं, जो तनाव और चिंता को प्रबंधित करने में भी मदद करते है।
- मोटीवेट रह कर हम अपनी मंजिल को आसानी से प्राप्त कर सकते है।
Tips for finding Motivation
सभी लोग अपनी प्रेरणा और इच्छाओ को पूरा करना चाहते हैं। अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए पूर्णता उत्साहित और अत्यधिक प्रेरित महसूस करते हैं, जबकि अन्य समय में आप उदासीन या अनिश्चित महसूस कर सकते हैं। आप जिन भी चीजों को हासिल करना चाहते हैं उन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने लक्ष्यों को समायोजित करें जो वास्तव में आपके लिए महत्वपूर्ण हैं
जैसे – कुछ चीजें जो आप कर सकते हैं उनमें शामिल कुछ तथ्य नीचे दिए गए है ।
- अपने लक्ष्य और कार्य पर नियमित नजर रखे ।
- एक कार्य समाप्ति के बाद नया कार्य या लक्ष्य निर्धारित करते रहे ।
- अपने कार्य की गति को नियमित बनाए रखें। यदि आप किसी ऐसी चीज से निपट रहे हैं जो बहुत बड़ी है, तो इसे छोटे चरणों में तोड़ दें और प्रगति की ओर पहला कदम बढ़ाने का पूरा प्रयास करें।
- अपने आप पर फोकस करे और अपनी ताकत को पहचानने का प्रयास करें।
- हमेशा सकारात्मक रहे और अपने आसपास सकारात्मक लोगों को ही रखें।
- अपने शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखें।
- अपने दैनिक लक्ष्यों पर ध्यान और एकाग्रता बनाये रखें।यदि किसी चीज के बारे में आप असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो उन क्षेत्रों में सुधार करने का प्रयास करें ताकि आप अधिक कुशल और सक्षम बन सके।
- अपने आप पर पूर्ण विश्वास रखें।