What is the difference between inspiration and motivation?
इंस्पिरेशन और मोटिवेशन में क्या अंतर है। सबसे पहले हम देखते है की इंस्पिरेशन का अर्थ होता है प्रेरणास्रोत जो मानव के अंतरात्मा या कह सकते है की उसकी अंदर की आवाज ,इच्छा , और भाव जो मन में उत्पन होते है और मन ही उस प्रेरणा का स्रोत होता है। यह आंतरिक प्रेरणा भी कहा जा सकता है। इसे हम इंस्पिरेशन कहते है।
वहीं मोटिवेशन की बात करे तो मोटिवेशन वह शब्द है जो हमें साधरणत बहार से या अन्य लोगो के द्वारा किसी काम को करने के लिए या काम को जारी रखने के लिए प्रेरित करता है। मोटिवेशन का अर्थ होता है प्रेरणा। यह प्रेरणा हमें कोई भी दे सकता है चाहे वह फैमली मेंबर,दोस्त या कोई अन्य पर्सन भी हो सकता है।
अब हमें दोनों शब्दो, इंस्पिरेशन और मोटिवेशन को जानना है कि दोनों में क्या अंतर है वास्तव में बिना इंस्पिरेशन के हम कभी भी जीवन में सफल नहीं हो सकते है। सफल होने के लिए इंस्पिरेशन के साथ-साथ मोटिवेशन का होना भी बहुत आवश्यक है।इसलिए हमें दोनों को अच्छी तरह से समझने के लिए नीचे दिए गये इंस्पिरेशन और मोटिवेशन को अच्छे से जानना होगा जो निम्नलिखित है।
Inspiration
जीवन में कुछ नया रचनात्मक या कोई भी कार्य करने के लिए मानसिक रूप से मजबूत और तैयार होने की या उत्तेजित होने की प्रक्रिया को इंस्पिरेशन कहा जाता है। कुछ नया करने या सोचने की इच्छा के लिए जो मनोभाव व्यक्ति के अंदर उत्पन होते है तो वह मनोभाव व्यक्ति को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करते है। यह मनोभाव आन्तरिक होते है या कह सकते है कि इंस्पिरेशन हमें अपने खुद के अंदर पैदा हुए भावो से मिलता है।
इंस्पिरेशन का अर्थ होता है- खुद के अंदर से एक प्रकार का प्रेरणा स्रोत जाग्रित होना । हम दूसरे शब्दों में कहे तो जुनून भी कह सकते हैं। जीवन में कई बार हम किसी सफल व्यक्ति को देख कर या उनके बारे में सुनकर , मन ही मन दृढ संकल्प कर लेते हैं कि हमें किसी भी हाल में उनके जैसा बनना है। हम अपने आइडियल या रोले मॉडल से प्रेरित होकर अपना कोई लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं। उसके बाद वहीं लक्ष्य हमारे इंस्पिरेशन का स्रोत बन जाता है और वही हमारा जीवन का एक लक्ष्य बन जाता हैं।
इंस्पिरेशन को हम कुछ उदाहरण देकर समझते है जो निम्नलिखित है।
१-इंस्पिरेशन हमें अपने ही अंदर से मिलती है। इसके लिए हम साइंस का एक उदाहरण लेते है जैसे न्यूटन ने सेब को पेड़ से नीचे गिरते हुए देखा तो उसको आईडिया आया की सेब नीचे ही क्यों गिरा यह ऊपर भी तो जा सकता था लेकिन उस पर काम करने के बाद उसको कारण समझ आया की यह गुरुत्वआकर्षण बल के कारण कोई भी चीज़ पृथवी की ओर आती है।
यही कारण है कि जब भी हम किसी सक्सेसफुल व्यक्ति के जीवन को गहराई से अध्ययन करते है तो हमें उनकी सफलता की कहानी से सीख मिल जाती है जो हमें सफल होने में मदद करती है।
Motivation
मोटिवेशन (अभिप्रेरणा ) किसी मंजिल या लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक निश्चित या प्रभावी तरीके से कार्य करने के लिए किसी को प्रोत्साहित करने या उत्तेजित करने की प्रक्रिया को मोटिवेशन कहा जाता है। हम अपने दैनिक जीवन में कई तरह की उलझनों में उलझे रहते है और हमें कोई समाधान भी नहीं मिल पाता है। तब हमें कुछ ऐसे लोग मिलते हैं जो हमें हमारी विषम परिस्थितियों में हमें मोटिवेट करने का काम करते हैं।
उन लोगो के मोटीवेट करने से हम मोटीवेट तो हो जाते है परन्तु कुछ समय बाद ऐसा टाइम आता है की उनकी बातें हमारे दिलों दिमाग से हटने लगती है और फिर धीरे-धीरे हमारा मोटिवेशन खत्म हो जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि मोटिवेशन के साथ साथ हमें इंस्पायर्ड भी होना जरुरी है जो आंतरिक होता है केवल मोटिवेशन से हम कभी भी जीवन में सफलता हासिल नहीं कर सकते, उसके लिए हमे सेल्फ मोटीवेट या इंस्पायर्ड होना जरुरी होता है।
हमारे जीवन में मोटिवेशन का बहुत महत्व है। क्योंकि जीवन में जब हम हार मानने लगते हैं तो वह सिर्फ मोटिवेशन ही है जो हमें इंस्पायर्ड रहने के लिए प्रेरित करता है या कह सकते है कि मोटिवेशन ही हमें हमारे अंदरुनी शक्तियों को जग्रित करने का काम करता है। हमें हमारी शक्तियों की पहचान कराता है।
मोटिवेशन को हम कुछ उदाहरण देकर समझते है जो निम्नलिखित है।
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मोटिवेट किया था।जब महाभारत का युद्ध हुआ था। तब अर्जुन को हथियार उठाने पड़े थे लकिन वह लड़ने का सामर्थ्य नहीं जुटा पा रहा था और वह बहुत बड़े धर्म संकट में पड़ गया था। तब सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण ही थे जिन्होंने धर्म के लिए अर्जुन को श्री गीता के उपदेश देकर उन्हें मोटीवेट किया था