India of my vision in 2047
- India of my vision in 2047
- स्लोगन
- परिचय
- 2047 में भारत के लिए मेरा दृष्टिकोण
- महिला सशक्तिकरण
- शिक्षा की समानता हो
- जाति और लिंग के आधार पर भेद-भाव न हो
- रोजगार के अवसर
- स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना
- गरीबी ,भुखमरी, भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या से छुटकारा
- डिजिटल एंड मेक इन इंडिया को पूरी तरह 100 प्रतिशत विकसित करना।
- निष्कर्ष
स्लोगन
एक सपना है मेरा, भारत को महान बनाना है ।
2047 में पुन: ऊंचाईयों पर ले जाना है और विश्व गुरु कहलवाना है ।
विनती है मेरी सबसे स्वदेशी को ही है अपनाना।
परिचय
2047 में मेरी दृष्टि का भारत- एकआत्मनिर्भर,शिक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ भारत है। वर्ष 2047 में 100 वर्ष पूरे होने के संदर्भ में हमें एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा कि हम अपने भारत को बहुत ऊंचाइयों पर देखें जहाँ मेरा भारत पुन : सोने की चिड़िया कहलायें। आज से आने वाले 25 वर्षों में हम भारतीयों को पुरे विश्व से शक्तिशाली बनना होगा। इसके लिए सभी भारतीयों को मिलकर देश के विकास के लिए काम करना होगा ताकि हमारे अंदर एकता ,प्रेम और सदभावना पैदा हो। जहाँ विविधिता में एकता हो।
2047 में भारत के लिए मेरा दृष्टिकोण
2047 में मेरी दृष्टि का भारत ऐसा हो जहाँ महिलाएं, बेटियाँ सभी सुरक्षित और स्वस्थ हों और सड़क पर या कहीं भी अकेले स्वतंत्र रूप से चलने में घबरायें नहीं बल्कि शान और ख़ुशी से चल सकें। मेरा भारत एक ऐसा स्थान होगा जहाँ सभी को समान आजादी होगी चाहे वह शैक्षिक, सामाजिक हो या आर्थिक आदि।
महिला सशक्तिकरण
“महिलाएं भी हैं भारत देश की तरक्की का आधार।
उनके प्रति हमें बदलने होंगे अपने विचार”।
“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः”
अथार्त : जहाँ नारी की पूजा होती है। वहाँ देवता निवास करते है
स्त्रीशक्ति अपनी रचनात्मक व सृजनात्मक कौशल के रूप में हमेशा से सृष्टि का आधार रही है। मानव समाज ने स्त्री की इस सृजन क्षमता के समक्ष नतमस्तक होकर उसमे देवत्व का आरोपण करके उसे पूजनीय बनाया है। इसलिए हमें महिला सशक्तिकरण पर जोर देना है। क्यूँकि आज की महिलाएं अपने घरों से बाहर निकल कर विभिन्न क्षेत्रों और समाज में हर जगह अपनी पहचान बना रही हैं, इसमें बहुत भेदभाव देखा जाता है। 2047 में भारत के लिए मेरा दृष्टिकोण महिलाओं को अधिक शक्तिशाली,स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनने का है। महिलाओं और पुरुषों को समान स्तर पर रखना चाहते है।उन्हें बराबरी का दर्जा देना चाहते है।
शिक्षा की समानता हो
सभी को समान और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए या कह सकते है कि समावेशी शिक्षा मिलनी चाहिए। समावेशी शिक्षा से आशय उस शिक्षा प्रणाली से है जिसमें सभी छात्र एक साथ शिक्षा ग्रहण करते है जहाँ पर किसी भी प्रकार की रूढ़िवादिता न हो। भारत में कोई भी शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए।
जाति और लिंग के आधार पर भेद-भाव न हो
2047 में भारत की आजादी के 100 वर्ष पुरे होंगे।इसलिए हमारा दृष्टिकोण यह होना चाहिए कि हमें जाति, धर्म और पंथ के भेदभाव से पूरी तरह आजादी मिल जायें और भारत जातिवाद ,धर्मवाद आदि से मुक्त हो कर एक स्वर्ण भारत बन जाएँ। अनेकता में एकता की भावना प्रदर्शित होनी चाहिए जो विश्व में मिशाल बने।हमारा भारत पहले से ही धर्मनिरपेक्ष देश है जो सभी धर्मो को समान समझता है अर्थात हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं। इसलिए हमें अपने भारत की गरिमा को बनाये रखना है और सभी धर्म ,जाति और संस्कृति को सामान महत्वा देना है न कोई बड़ा न ही कोई छोटा होगा।
रोजगार के अवसर
भारत पूरी तरह से एक डिजिटल भारत बनना चाहिए। जहाँ पर सारा काम सिर्फ और सिर्फ मशीनों के द्वारा हो क्यूंकि इससे समय की बचत के साथ-साथ समय का सदुपयोग होगा। भारत में बहुत से पढ़े-लिखे लोग हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और कई अन्य कारणों से उन्हें अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती है, भारत के लिए मेरा विजन 2047 में एक ऐसा स्थान होगा जहां आरक्षित उम्मीदवारों के बजाय योग्य ,काबिल और कौशल युक्त उम्मीदवार को रोजगार मिल सके।
स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना
स्वास्थ्य की सभी अच्छी सुविधाएं हमारे भारत में उपलब्ध हो हमें अन्य देश पर किसी भी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि अन्य देशों को सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। हमें किसी भी क्षेत्र में आयत की जगह निर्यात पर ध्यान देना चाहिए जिससे हमारी देश की अर्थ व्यवस्था मजबूत और सुदृढ़ बने। भारत के लोग सेहत मंद और स्वस्थ्य होंगे तो अपने देश के प्रति जागरूक भी होंगे ।
गरीबी ,भुखमरी, भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या से छुटकारा
गरीबी ,भुखमरी, भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या से हमें पूरी तरह से 100 प्रतिशत छुटकारा पाना ही है। क्यूँकि इन सभी कारणों से हमारे राष्ट्र के विकास में बाधा उत्पन होती है। इसलिए मैं भी 2047 में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त भारत के रूप में देखना चाहती हूं। हमारे भारत में कोई भी इन्सान भूखा नहीं सोना चाहिए। हमें हर हाल में गरीबी को दूर करना ही है और साथ ही साथ काले धन जैसे सारे भृष्टाचार को जड़ से मिटाना ही होगा।
डिजिटल एंड मेक इन इंडिया को पूरी तरह 100 प्रतिशत विकसित करना।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने का उद्देश्य है कि मेरा भारत पूर्ण रूप से डिजिटल रूप से सशक्त भारत बन जायें। जिससे भारत में बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी और अन्य सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुँच सकें। जिससे कोई भी व्यक्ति बीच में किसी अन्य की सेवा का फायदा न उठा सकें । मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों को इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है।
डिजिटल इंडिया के साथ हमें मेक इन इंडिया पर भी पूरा पूरा ध्यान देना होगा जिससे भारतीय कंपनियों द्वारा भारत में ही वस्तुओं के निर्माण पर जोर देने के लिए बनाया गया है। इससे भारत की अर्थव्यस्था को रफ्तार मिलेगी।
और लोगों में सृजनात्मक कौशलता बढ़ेगी जिससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। भारत में निर्यात बढ़ेगा और आयात धीरे धीरे ख़त्म हो जायेगा। भारत पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनेगा यही मेरी दृष्टिकोण का भारत होगा।
निष्कर्ष
2047 में, मेरी दृष्टि का भारत एक आदर्श,सर्वोपरि भारत होगा, जहां हर नागरिक समान होगा और किसी भी तरह का कोई भी भेदभाव नहीं होगा। इसके अलावा, यहाँ महिलाओं को पुरुषों के बराबर रखा जाएगा और हर क्षेत्र में सभी को समान अधिकार और सामान रूप से सम्मानित किया जाएगा। एक खूब सूरत भारत जो विश्व में सर्वोपरि और सम्मानित देश कह लायेगा चाहे आर्थिक रूप से हो या सामजिक रूप से हो।
जय भारत माता की।