Ethnocentrism, Xenocentrism and Cultural Relativism
आज हम यहां पर सांस्कृतिक सापेक्षवाद , ज़िनोसेंट्रिस्म और एथनोसेंट्रिस्म को ले कर आये है। हम यहाँ पर तीनों तरह की संस्कृति को मानने वाले लोगो की बात करेंगे और देखेंगे की इनमे क्या भिन्नता है। तीनो एक ही संस्कृति के बारे में अलग अलग राय बनाते है। सांस्कृतिक सापेक्षवाद , ज़िनोसेंट्रिस्म और एथनोसेंट्रिस्म तीनों का देखने का और समझने का दृष्टिकोण बिलकुल अलग है। सांस्कृतिक सापेक्षवाद , ज़िनोसेंट्रिस्म और एथनोसेंट्रिस्म के बीच एक समानता यह है कि तीनों विभिन्न संस्कृतियों की व्याख्या करने का एक तरीका है। जहाँ ज़िनोसेंट्रिस्म और एथनोसेंट्रिस्म एक दूसरे के विपरीत है । वहीं सांस्कृतिक सापेक्षवाद केवल सकारात्मक दृष्टिकोण और न्याय की बात करता है।
Ethnocentrism
हम यहाँ पर स्वजाति केन्द्रवाद या प्रजातिकेंद्रिकता ( एथनोसेंट्रीज़म) के बारे में बात करेंगे की स्वजाति केन्द्रवाद या एथनोसेंट्रीज़म क्या है। वास्तव में हमारे समाज में कई तरह के लोग होते है। हर मानव की अपनी अपनी सोच और संस्कृति होती है। जातीयतावाद मानता है कि सभी विश्वास,मूल्य समान रूप से मान्य नहीं हैं क्यों की हमारी संस्कृति सही है और सबसे अच्छी है।
अपनी संस्कृति के नियमों को मानना या न मानना उन लोगो पर डिपेंड करता है किन्तु कुछ लोग होते है जो केवल अपनी ही संस्कृति, रीति रिवाजों, नियमों और मान्यताओ को ही श्रेष्ठ और सर्वोपरि मानते हुये उन्हीं को जयादा महत्व दे देते है अन्य को नहीं। वह विश्वास करते है कि उनकी संस्कृति, जातीय समूह,और उनके खुद के बनाये नियम ही सर्व श्रेष्ठ है।
अपनी संस्कृति के रीति-रिवाजों के नियमानुसार,मान्यताओ, और मानकों से उत्पन्न पूर्व धारणाये जो पहले से चली आ रही है उन्हीं के अनुसार ही अन्य लोगों की संस्कृति , रीति-रिवाजों और मान्यताओं का मूल्यांकन करने लगते है या कह कि उन लोगों को अपनी दृष्टिकोण से देखने की प्रवृत्ति विकसित कर लेते है। जातीयतावाद नकारात्मक दृष्टिकोण देखने का मजबूत पक्ष है।
स्वजाति केन्द्रवाद या एथनोसेंट्रीज़म या जातीयतावाद के उदाहरण निम्न लिखित है जो नीचे दिए गये है।
स्वजातिवाद के कई उदाहरण हो सकते है किन्तु हम यहां पर कुछ ही उदाहरण की बात करेंगे।
१- अपनी संस्कृति के अनुसार दूसरे की तुलना करना और खुद की जाति समूह और संस्कृति को सर्वोपरि रखना।
२- यदि आप किसी चीज़े में बहुत अच्छे है तो दुसरो से भी वही एक्सपेक्ट या उम्मीद करना की यह भी इसमें एक्सपर्ट होना चाहिए। जो की जरुरी नहीं होता है।
जैसे दूसरों से अंग्रेजी, या अन्य भाषा बोलने की अपेक्षा करना।
३- अब खाने का तरीका ही ले लीजिए कुछ लोग कांटे, चम्मच, चाकू आदि का उपयोग करके खाते हैं और कुछ अन्य समाज के लोग अपने हर भोजन के साथ चॉपस्टिक का उपयोग करते है।
इसलिए हमें हर संस्कृति का सम्मान करना चाहिए न तो किसी वर्ग की संस्कृति को श्रेष्ठ मानना चाहिए और न ही किसी की संस्कृति को कम मानना चाहिए। हर संस्कृति का अपना- अपना अलग महत्व है और हमें सबको समान दृष्टि से देखना चाहिए और हर संस्कृति का सम्मान करना आना चाहिए।
Xenocentrism
हम यहाँ पर ज़ेनोसेंट्रिज़्म के बारे में बात करेंगे की ज़ेनोसेंट्रिज़्म क्या है।
ज़ेनोसेंट्रिज़्म का एथनोसेंट्रिस्म का बिलकुल उल्टा है। ज़ेनोसेंट्रिज़्म का अर्थ है किसी अन्य संस्कृति ,मान्यताओ रीती रिवाजों और विचारों को मानना या उसे प्राथमिकता देना बजाय अपनी संस्कृति के।
ज़िनोसेंट्रिस्म में अपनी संस्कृति, रीती रिवाज़ो के बजाय अन्य समाज की संस्कृति, रीती रिवाज़ो को प्राथमिकता दी जाती है। उन लोगो के जीवन यापन पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
जैसे उन लोगो का जीवन जीने के तरीके कि वह कैसे जीते हैं , कैसे रहते है और क्या और किस प्रकार खाते हैं, इस पर निर्भर करता हैं।
ज़िनोसेंट्रिस्म को एक प्रकार का विचलित और भिन्न व्यवहार माना जाता है क्योंकि यह समाज के मानकों और मानदंडों से अलग होता है।
Cultural Relativism
सांस्कृतिक सापेक्षवाद या Cultural relativism वह सिद्धांत है जो यह विश्वास करता है की हर समाज का अपना -अपना रीति-रिवाज, संस्कृति ,मान्यताये और विश्वास है जिसे वह अपने हिसाब से मानते है और अनुसार पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। वह एक विशेष संस्कृति से उत्पन्न हुआ हैं।
सांस्कृतिक सापेक्षवाद यह मानता है कि किसी व्यक्ति के रीती रिवाजों ,मूल्यों और विश्वासों का मापदंड या मूल्यांकन किसी अन्य की संस्कृति, रीती रिवाजों और मूल्यों के आधार पर नहीं किया जा सकता है। सांस्कृतिक सापेक्षवाद कहता है कि हर सामाज और व्यक्ति की अपनी -अपनी संस्कृति है।और सारी संस्कृति अपने आप में महत्वपूर्ण है। इसलिए न तो किसी की तुलना की जा सकती है और न ही किसी को कम या ज्यादा माना जा सकता है। हर संस्कृति अपने आप में महान और पूर्ण है।
सांस्कृतिक सापेक्षवाद सकारात्मक दृष्टिकोण देखने का मजबूत पक्ष है। सांस्कृतिक सापेक्षवाद मानता है कि सभी विश्वास,मूल्य समान रूप से मान्य हैं जो अलग अलग जगह की स्थिति, पर्यावरण और व्यक्ति पर निर्भर करता है।