Top 5 Interpersonal Skills That Will Make Your Personality Effective and Better
पारस्परिक कौशल
पारस्परिक कौशल किसी भी ब्यक्ति के वो गुण और छमताएँ है जो उसको एक दूसरे के साथ प्रभावी संबाद करने में मदत करते हैं। पारस्परिक कौशल आपको उच्च कोटि का ब्यवहार करने एवं कुशल रणनीति बनाने में मदत करता है। अतः पारस्परिक कौशल वे कौशल हैं जिनका उपयोग हम हर पल हर दिन एक दूसरे के साथ व्यक्तिगत रूप से और समूहों में करते हैं। इसी आपसी संवाद या बातचीत को हम पारस्परिक कौशल या इंटरपर्सनल स्किल का नाम देते हैं। इसमें विशेष रूप से संचार कौशल आता है जैसे सुनना और प्रभावी रूप से बोलना। इसमें हमारी भावनाओं को नियंत्रित करने की और प्रबंधित करने की क्षमता भी शामिल है। जिस व्यक्ति में पारस्परिक कौशल की अच्छी क्षमता होती है वह व्यक्ति जीवन में सफल होता है और लोगों को अपनी बातों से प्रभावित करता है। ऐसे लोग बेस्ट टीम लीडर और समूह को चलाने वाले होते हैं और हर काम को करने में सक्षम होते हैं चाहे वह पारिवारिक हो या कोई अन्य, इससे उनके घर और काम के मध्य बेहतर संबंध बनता हैं। इस कौशल से आपको एक दूसरे के साथ बेहतरीन ढंग से जुड़ सकते है जो आपको ब्यक्तिगत और पेशेवर के रूप में उचतम परिणाम देगा।
पारस्परिक कौशल जीवन में सफलता की नींव हैं। आपको दुसरो के साथ प्रभावी तरीके से बातचीत करने के लिए अपने पारस्परिक कौशल को और विकसित करना होगा। इसके अंतर्गत श्रवण कौशलभी आता है, जिसका मतलब सामने वाले की बात को अच्छे से सुनना और समझना होता है । हमारे अंदर भावनात्मक बुद्धिमत्ता भी होनी चहिये जिससे हम अपनी और दूसरो की भावनावों को समझ सके। पारस्परिक कौशल में समस्याओं को पहचानने, परिभाषित करने और हल करने के लिए दूसरों के साथ काम करना, आदि शामिल है। हम जितनी अच्छी तरीके से अंतः क्रिया कर पाएंगे उतनी ही अच्छी तरीके से सामने वाले को समझ पाएंगे। जितना अच्छा पारस्परिक कौशल होगा उतने ही अच्छे प्रभावीऔर ढंग से संवाद करने में मदद मिलेगी ।
Interpersonal Skills
Interpersonal skills are those qualities and abilities of any person that help him to communicate effectively with each other. Interpersonal skills help you to behave greatly and make efficient strategies. So interpersonal skills are those skills that we use every moment of every day with each other and we also use individually and in groups. We name this interpersonal communication or interaction as interpersonal skills. This particularly includes communication skills such as listening and speaking effectively. It also includes the ability to control and manage our emotions. A person who has good interpersonal skills is successful in life and impresses people with his words. Such people are the best team leaders and group leaders and are capable of doing everything whether it is family related work or any other, this leads to a better relationship between their home and work. This skill allows you to better connect with each other which will give you the best results both personally and professionally.
Interpersonal skills are the foundation of success in life. You will need to further develop your interpersonal skills to interact effectively with others. It also includes listening skills, which means listening and understanding the person in front. We should also have emotional intelligence so that we can understand our own and others’ feelings. Interpersonal skills include working with others to identify, define and solve problems, etc. The better we are able to interact, the better we will be able to understand the other person. The better the interpersonal skills, the better it will be to communicate effectively.
1. Self-confidence
Interpersonal skills start with the individual. Self confidence comes first in interpersonal skills, if you do not believe in yourself then no one will be able to believe in you. To be successful at every turn of life, you have to believe in yourself, this will increase your career. You must demonstrate confidence at every stage in your career. Being confident will lead to career progress because self-confidence will give you enough courage to achieve your goal.
1. आत्मविश्वास
पारस्परिक कौशल की शुरुआत व्यक्ति से होती है। पारस्परिक कौशल के अंदर सबसे पहले आता है स्वयं पर विश्वास, यदि आपको खुद पर विश्वास ना हो तो कोई भी आप पर विश्वास नहीं कर पाएगा। जीवन के हर मोड़ पर सफल होने के लिए आपको अपने ऊपर विश्वास रखना ही होगा इससे आपके कैरियर में वृद्धि होगी। आपको अपने करियर में हर स्तर पर आत्मविश्वास का प्रदर्शन करना चाहिए। आत्मविश्वासी होने से करियर में प्रगति होगी क्योंकि सेल्फ कॉन्फिडेंस से हीआपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त साहस भी आएगा।
2. Positive attitude
Positive attitude is such a mental state that has a good effect on our soul and mind, so that we remain optimistic and it also keeps us away from the negativity around. Positive attitude works like a tonic. If your behavior and attitude is positive then you can easily get out of any negative thing and bring harmony in the society. By staying positive, you can also face difficult situations easily and at the same time you can create a good and happy atmosphere in any environment. Therefore, whatever the circumstances, you should move forward with positive thinking.
2 . सकारात्मक दृश्टिकोण
सकारात्मक मनोदृष्टि एक ऐसी मानसिक दृष्टि है जो हमारे मन, मस्तिक पर अच्छा असर डालती है जिससे हम आशावादी बने रहते है और यह हमें आस पास की नकारात्मकता से भी बचाए रखता है। सकारात्मक दृष्टिकोण एक टॉनिक की तरह काम करता है। यदि आपका व्यवहारऔर दृष्टिकोण सकारात्मक है तो आप किसी भी नकारात्मक चीज सेआसानी से बाहर निकल सकते है और समाज में सामंजस्य बिठा सकते है। सकारात्मक रहकर आप कठिन परिस्थितियों का सामना भी आसानी से कर सकते हो और साथ ही साथ आप किसी भी वातावरण में अच्छा और खुशनुमा महौल बना सकते हैं। इसलिए परिस्थितियां कुछ भी हो आपको सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
3. Communication(Verbal or Non-verbal)
Communication means exchange of words in which we can communicate with anyone smoothly and can understand the other person accurately. In this our feelings and thoughts are exchanged. Basically there are three types of communication.
Verbal communication – In this we only talk face to face, or we can say that we talk to each other. In verbal communication, it is important to understand the point of the other person well and then respond clearly. In verbal communication, special attention should also be paid to body language so that our self-confidence is displayed.
Non-verbal communication – In addition to verbal, we can also communicate or talk to the person through non-verbal communication. Such as tone, yes or no, nods, eye contact, body language and hand gestures all come in non-verbal communication. In non-verbal communication we do not need to speak, we can only explain our point to the other person by taking action and it is not as effective as verbal communication.
Written communication – In written communication, we express our words by writing, it can be letter, email, and anything else in written form.
3. कम्युनिकेशन (संचार)
कम्युनिकेशन का मतलब है बातों का अदान प्रदान करना जिसमे हम अपनी बात सामने वाले तक और सामने वाले की बात हम तक पहुंच सकती है। इसमें हमारी भावनाये और विचारो का अदान प्रदान होता है। बेसिक रूप से कम्युनिकेशन तीन प्रकार का होता है।
1.मौखिक संचार – इसमें हम सिर्फ आमने सामने बात करते हैं, या कह सकते हैं कि परस्पर एक दूसरे से बात करते है। मौखिक संचार में दूसरे ब्यक्ति की बात को अच्छी तरह से समझना और फिर स्पष्ट रूप से जबाब देना चाहिए। मौखिक संचार में बॉडी लैंग्वेज का भी विशेष धयान रखना चाहिए जिससे हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस या आत्मविश्वास प्रदर्शित हो।
2. गैर मौखिक संचार – मौखिक के अलावा हम सामने वाले से गैर-मौखिक संचार के माध्यम से भी कम्युनिकेशन या बातचीत कर सकते हैं। जैसे स्वर, हां या ना करना, सर को हिला कर कहना,आंखों से संपर्क करना, बॉडी लैंग्वेज और हाथों से इशारे करना यह सब गैर मौखिक संचार में आता है। गैर-मौखिक संचार में हमें बोलने की आवश्यकता नहीं होती है, हम सिर्फ एक्शन करके सामने वाले को अपनी बात समझा सकते हैं और ये वर्बल कम्युनिकेशन के बराबर प्रभावी नहीं होता है।
3. लिखित संचार – लिखित संचार या रिटन कम्युनिकेशन में हम अपनी बातों को लिख कर प्रदर्शित करते है वह लेटर, इ मेल, और कुछ भी लिखित रूप हो सकता है ।
4. Empathy
Empathy means taking the emotion or pain of another and feeling how I would feel if this pain were mine. It is important to understand that everyone has different needs, problems and feelings. We should keep our attitude by putting ourselves in their place. You should treat others the way you want to be treated to yourself.
4. एम्पैथी
एंपैथी का मतलब दूसरे की भावना या उसके दर्द को अपने ऊपर ले कर महसूस करना कि यदि यह दर्द मुझे होता तो मैं कैसे कैसे महसूस करता । यह समझना जरूरी है कि हर किसी की अलग-अलग जरूरतें, समस्याएं और भावनाएं होती हैं । हमको अपने आपको उनकी जगह रखकर अपना दृश्टिकोण रखना चाहिए। आपको दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा कि आप अपने साथ करना चाहते हैं।
5. Collaboration
Collaboration means working together or can say by giving your cooperation and working as a collaborator with the front. In this, you can work as a team leader or you can work as part of a team. Supporting others adds another great interpersonal skill to your repertoire. He should come to lead his team in every situation. As a good collaborator you should always build a set of above skills like empathy, respect, negotiation and communication skills while maintaining a positive attitude.
5. सहयोग या कोलैबोरेशन
सहयोग या कोलैबोरेशन का अर्थ है मिलकर काम करना या कह सकते हैं अपना सहयोग देकर सामने वाले के साथ एक सहयोगी के रूप में काम करना है। इसमें आप एक टीम लीडर की तरह काम कर सकते हो या एक टीम के हिस्से के रूप में भी काम कर सकते हो। दूसरों को सहयोग देने से आपके प्रदर्शनों की सूची में एक और महान पारस्परिक कौशल जुड़ जाता है। हर परिस्थिति में अपनी टीम का साथ देना उनका नेतृत्व करना आना चाहिए। एक अच्छे सहयोगी के रूप में आपको हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखते हुए सहानुभूति, सम्मान, बातचीत और संचार कौशल जैसे उपरोक्त कौशल का एक समूह बनाना चाहिए।