मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंद्र कालीऔर ममता अम्बे |
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता |
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा |
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती ‘सत’ हवन कुंड मै था जलाया |
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया |
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया |
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता |
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
भक्तन बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो |
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥